History of Kumaoni Langauge In Hindi
Uttarakhand में बोले जाने वाले भाषाओ में Kumaoni Bhasha भला कौन नहीं जानता है.Uttarakhand के मध्य हिमालयी क्षेत्रो में बोले जाने भाषाओ में एक है|आज हम जानेंगे Kumaoni Bhasha Ka Itihas क्या है और आज 1 सितम्बर को कुमाऊँनी भाषा दिवस भी मनाया जाता है|
Kumaoni language की शुरुआत

हम आपको बता दे जब Uttarakhand के मध्य हिमालयी भाषा में एक है .भारत में जब हिंदी भाषा का अस्तित्व नहीं था तब पहले ही Kumaoni भाषा का काफी प्रचलन रहा था .
10-11वी शदी में जब उत्तराखंड में कत्युरी राजाओ का शासन रहा और उसके बाद चंद राजाओ की भाषा भी कुमाऊँनी बताई जाती है इसका प्रमाण कई शिलालेख और ताम्र पत्र में लिखे शब्दों से बताये जाते है.उस समय Kumaoni भाषा काफी प्रचलित रही थी.
19वी शदी के बाद जब चन्द्र राजाओ का अस्तित्व हो गया और उसके बाद उत्तराखंड में गोरखा और ब्रिटिशो का शासन रहा जिसके कारण कुमाऊँनी भाषा को उतना सम्मान नही मिला और जबरन Kumaoni भाषा को बोली कहा जाने लगा
Uttarakhand के कितने जिलो में बोली जाती है
उत्तराखंड राज्य Uttarpradesh से अलग होकर 9 नवम्बर 2000 को अस्तित्व में आया और उसके बाद उत्तराखंड को दो भागो में बाटा गया-कुमाऊँ मंडल और गढ़वाल मंडल है
कुमाऊँनी भाषा कुमाऊँ के क्षेत्रो में बोली जाती है .जिसमे मुख्य 6 जिले आते है –Champawat , Pithoragarh , Almora , Nainital , bageshwar,Udham Singh Nagar में बोली जाती है .
कुमाऊँनी भाषा के प्रकार
राज्य के कुमाऊँनी क्षेत्र(Kumaoni Area) में बोली जाने वाली भाषा विभिन्न प्रकार की है.
पूर्वी कुमाऊँनी भाषा
- कुमैया(Kumaya):- खासकर यह नैनीताल(Nainital)में स्थित काली कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाती है.
- सौर्याली(Suryali) :- यह सौर क्षेत्र में बोली जाती है और दक्षिण जोहार और पूर्वी गंगोली क्षेत्रो में भी बोली जाती है .
- सीराली(Sirali) :- यह अस्कोट और पश्चिम में सीरा क्षेत्र में बोली जाती है .
- अस्कोटी(Askoti) :- यह अस्कोट क्षेत्र की बोली है.
पश्चिमी कुमाऊँनी भाषा
- खसपर्जीया(Khasprajiya) :- यह बारह मंडल और दानपुर के आस –पास बोली जाती है .
- दनपुरिया(Dnpuriya) :- यह दानपुर के उत्तरी भाग और जोहर के दक्षिण भाग में बोली जाती है.
उत्तरी कुमाऊँनी भाषा
जोहारी(Johari) :– यह जौहर व kumaun के उत्तर सीमावर्ती क्षेत्रो में बोली जाती है.और इस क्षेत्र में भोटिया भाषा का भी प्रयोग करते है .
दक्षिणी कुमाऊँनी भाषा
नैनीताल कुमाऊँनी और रचभैसी :– नैनीताल ,काठगोदाम ,हल्द्वानी के क्षेत्रो में बोली जाती है.
यह है Kumaoni Bhasha के मुख्य प्रकार है .
कुमाऊँनी भाषा दिवस की शुरुआत उत्तराखंड के वीर क्रांतिकारियों और अपनी भाषा को पहचान दिलाने के लिए 1 सितम्बर को पर्वतीय राज्य मंच द्वारा की गई है .
यह भी पड़े
हमें अपनी भाषा का प्रयोग जरूर करना चाहिए और अपने बच्चो को भी सिखाना चाहिए .
आज हमने जाने Kumaoni Bhasha ka Itihas और उत्तराखंड में कहा ,कितनी प्रकार बोली जाती है आपको कैसा लगा आर्टिकल कमेंट करे और शेयर भी जरुर करना चाहिए -धन्यवाद –जय देवभूमि उत्तराखंड
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